• +91-906-856-5306
  • yajyavijyaanam@patanjaliyogpeeth.org.in

Articles

घृत

घृत

घृताहवन दीदिवः प्रतिष्म रिषतो दह। अग्ने त्वं...

यज्ञ श्लोगन

यज्ञ श्लोगन

यज्ञ की यह शुद्ध हवा। सब रोगों की है दवा।।1।। जो तुम...

आह्वान

आह्वान

संस्कृति मनुष्य समाज की जड़ होती है, जैसे पेड़ की...