1.1 शिल्पी वर्मा व अन्य शोधार्थियों द्वारा वर्ष 2018 में किये गये अध्ययन से उप-नैदानिक Hypothyroidism पर यज्ञ चिकित्सा के प्रभावों का पता लगाया। पिछले 2 साल और 4 महीने से Subclinical Hypothyroidism से पीड़ित एक 60 वर्षीय रोगी ने 3 महीने के लिए यज्ञ-चिकित्सा को एक अतिरिक्त चिकित्सा के रूप में लिया और यज्ञ-चिकित्सा को पूरा करने के 4 महीने बाद Post-data दर्ज किया, TSH और B12 का स्तर सामान्य हो गया और रोगी की अन्य शिकायतें जैसे थकान, कमजोरी, नींद की समस्या भी पूरी तरह से ठीक हो गई।
इस प्रकार ये अध्ययन SCH के उपचार में यज्ञ-चिकित्सा के महत्त्व को उजागर किया।
1.2 वर्ष 2020 में अमरनाथ सारस्वत व अन्य कुछ शोधकर्ताओं ने Thyroid Hormone (TH) के स्तर को सामान्य करने में यज्ञ चिकित्सा के प्रभाव का पता लगाने हेतु 18 Thyroid रोगियों का चयन किया और उन्हें 40 दिनों की यज्ञ चिकित्सा दी गई और उनका T3, T4 और TSH (Thyroid Stimulating Hormone) का स्तर मापा गया। उन सभी में TH का स्तर संतुलित पाया और इसके अलावा रोगियों ने शारीरिक कमजोरी, सांस लेने में समस्या, नींद की समस्या और तनाव में जीवन की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार की सूचना दी।
इस प्रकार वर्तमान अध्ययन से पता चला कि यज्ञ थेरेपी में TH को संतुलित करने के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता में सुधार के माध्यम से Thyroid की पुरानी स्थिति के प्रबंधन की काफी संभावनाएं हैं।)