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यज्ञ क्रांति
यज्ञ सार्वभौमिक वैज्ञानिक एवं पंथनिरपेक्ष पावनी परंपरा है। यज्ञ से पर्यावरण शुद्धि,आरोग्य प्राप्ति, उत्तम कृषि, रेडिएशन से मुक्ति, माइक्रो बायोलॉजिकल प्रदूषण से मुक्ति, मनोकामना पूर्ति, देव पूजन, ईश्वर आराधना, मानस शांति से लेकर मानवीय चेतना का उत्कर्ष करके हमें अति मानस चेतना की ओर अग्रसर करने वाले अनेकों लाभ प्रदान करता है।
सहस्रारम्भ: शुचिजिह्वो अग्निः। – ऋग्. 2.9.1
पवित्र ज्वाला वाली यज्ञाग्नि हजारों लाभ प्रदान करती है जिसमें दृष्ट-अदृष्ट, लौकिक-पारलौकिक भौतिक एवं आध्यात्मिक हजारों लाभ शामिल हैं। तो आइए हम संकल्प लें संसार के श्रेष्ठतम कर्म यज्ञ को अपनाएं पिंड एवं ब्रह्मांड में संतुलन कायम करने वाले यज्ञ को जीवन का अभिन्न अंग बनाएं एवं प्रकृति मां के प्रति अपने ऋणों को अदा करें।
विश्व स्वास्थ्य का एक नारा।
यज्ञ से होगा जग उजियारा।।
यज्ञ महोत्सव
द्रव्य-यज्ञ, योग-यज्ञ एवं ज्ञान-यज्ञ का त्रिवेणी संगम
भारतीय ऋषि संस्कृति जिसमें यज्ञ, योग एवं आयुर्वेद जैसी अमूल्य विद्याएं हैं।
- द्रव्य-यज्ञ (हवन ):- जिसमें यज्ञ से रोगों की चिकित्सा, वायु आदि पंचतत्वों की शुद्धि, दोष अर्थात् ग्रह-पितृ-श्रापित आदि सभी प्रकार के दोष, दुःख, दरिद्रता एवं अशुभ से मुक्ति पाने के साथ ही सामाजिक, पारिवारिक, शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक सुख एवं समृद्धि हेतु।
- योग-यज्ञ:- जिसमें रोगानुसार योगाभ्यास एवं योग विज्ञानं के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश।
- ज्ञान-यज्ञ:- जिसमें वेद, उपनिषद, दर्शन एवं आयुर्वेद आदि जीवन उपयोगी शास्त्रों का स्वाध्याय एवं सत्संग।